Thursday, January 21, 2021

U.S PRESIDENT

अमेरिकी राष्ट्रपति 

आज के दिन  सयुक्त राज्य अमेरिका में जो बाइडेन अपना पदभार संभालेंगे 

राजनीतिज्ञ और संयुक्त राज्य अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं। बाइडेन ने 2020 के संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड को हराकर जित दर्ज की है और वे  आज के दिन अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे। 

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जो बाइडेन अमेरिका के 46वें  राष्ट्रपति होंगे। 



Wednesday, January 20, 2021

भारत का इतिहास

भारत का इतिहास    

भारत का इतिहास कई हजार वर्ष पुराना माना जाता है।
 65,000 साल पहले, पहले आधुनिक मनुष्य, या होमो सेपियन्सअफ्रीका से भारतीय उपमहाद्वीप में पहुंचे थे, जहां वे पहले विकसित हुए थे।
सबसे पुराना ज्ञात आधुनिक मानव आज से लगभग 30,000 साल पहले दक्षिण एशिया में रहता है।6500 ईसा पूर्व के बाद, खाद्य फसलों और जानवरों के वर्चस्व के लिए सबूत, स्थायी संरचनाओं का निर्माण और कृषि अधिशेष का भंडारण मेहरगढ़ और अब बलूचिस्तान के अन्य स्थलों में दिखाई दिया।ये धीरे-धीरे सिंधु घाटी सभ्यता में विकसित हुए, दक्षिण एशिया में पहली शहरी संस्कृति, जो अब पाकिस्तान और पश्चिमी भारत में २५००-१९ ०० ई.पू. के दौरान पनपी। मेहरगढ़ पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है जहां नवपाषाण युग (७००० ईसा-पूर्व से २५०० ईसा-पूर्व) के बहुत से अवशेष मिले हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता, जिसका आरम्भ काल लगभग ३३०० ईसापूर्व से माना जाता है, प्राचीन मिस्र और सुमेर सभ्यता के साथ विश्व की प्राचीनतम सभ्यता में से एक हैं। इस सभ्यता की लिपि अब तक सफलता पूर्वक पढ़ी नहीं जा सकी है। सिन्धु घाटी सभ्यता वर्तमान पाकिस्तान और उससे सटे भारतीय प्रदेशों में फैली थी। पुरातत्त्व प्रमाणों के आधार पर १९०० ईसापूर्व के आसपास इस सभ्यता का अकस्मात पतन हो गया।

स्रोत

प्राचीन भारत का इतिहास समान्यत विद्वान भारतीय इतिहास को एक संपन्न पर अर्धलिखित इतिहास बताते हैं पर भारतीय इतिहास के कई स्रोत है। सिंधु घाटी की लिपि, अशोक के शिलालेख, हेरोडोटस, फ़ा हियान, ह्वेन सांग, संगम साहित्य, मार्कोपोलो, संस्कृत लेखकों आदि से प्राचीन भारत का इतिहास प्राप्त होता है। मध्यकाल में अल-बेरुनी और उसके बाद दिल्ली सल्तनत के राजाओं की जीवनी भी महत्वपूर्ण है। बाबरनामा, आईन-ए-अकबरी आदि जीवनियां हमें उत्तर मध्यकाल के बारे में बताती हैं।

                                         

Monday, January 18, 2021

राष्ट्रपति

                                                      भारत गणराज्य के राष्ट्रपति                                                       
                                                         President of India                                                               

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 राष्ट्रपति देश और सरकार दोनों का प्रमुख है। राष्ट्रपति देश की सरकार का संवैधानिक प्रमुख होता है। और देश का प्रथम नागरिक होता है।


15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ था और अन्तरिम व्यवस्था के तहत देश एक राष्ट्रमंडल अधिराज्य बन गया। इस व्यवस्था के तहत भारत के गवर्नर जनरल को भारत के राष्ट्रप्रमुख के रूप में स्थापित किया गया, जिन्हें ब्रिटिश इंडिया में ब्रिटेन के अन्तरिम राजा - जॉर्ज VI द्वारा ब्रिटिश सरकार के बजाय भारत के प्रधानमंत्री की सलाह पर नियुक्त करना था।

यह एक अस्थायी उपाय था, परन्तु भारतीय राजनीतिक प्रणाली में साझा राजा के अस्तित्व को जारी रखना सही मायनों में संप्रभु राष्ट्र के लिए उपयुक्त विचार नहीं था। आजादी से पहले भारत के आखरी ब्रिटिश वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन ही भारत के पहले गवर्नर जनरल बने थे। जल्द ही उन्होंने चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को यह पद सौंप दिया, जो भारत के इकलौते भारतीय मूल के गवर्नर जनरल बने थे। इसी बीच डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान का मसौदा तैयार हो चुका था और 26 जनवरी 1950 को औपचारिक रूप से संविधान को स्वीकार किया गया था। इस तारीख का प्रतीकात्मक महत्व था क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटेन से पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता को आवाज़ दी थी। जब संविधान लागू हुआ और डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति का पद संभाला तो उसी समय गवर्नर जनरल और राजा का पद एक निर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा प्रतिस्थापित हो गया।


इस कदम से भारत की एक राष्ट्रमंडल अधिराज्य की स्थिति समाप्त हो गया। लेकिन यह गणतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल का सदस्य बना रहा। क्योंकि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तर्क किया की यदि कोई भी राष्ट्र ब्रिटिश सम्राट को "राष्ट्रमंडल के प्रधान" के रूप में स्वीकार करे पर ज़रूरी नहीं है कि वह ब्रिटिश सम्राट को अपने राष्ट्रप्रधान की मान्यता दे, उसे राष्ट्रमंडल में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण निर्णय था जिसने बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में नए-स्वतंत्र गणराज्य बने कई अन्य पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के राष्ट्रमंडल में रहने के लिए एक मिसाल स्थापित किया।

Sunday, January 17, 2021

पढाई में मन कैसे लगाए

पढाई में मन कैसे लगाए ?



 महत्यपूर्ण सन्देश लेखक के द्वारा 

1 . पढ़ाई  :-आज कल के दिनचर्या में आप में से कई लोग होंगे जिन्हे पढ़ने में मन नहीं लगता होगा स्वाभाविक है की ऐसी  मन में चेतनाये उत्त्पन होती हो गी  और इसमें को गलत बात नहीं है सभी के मन में ये सोच होती ही है मेरे मन में भी होती है लकिन उससे इत्तर  ये भी हम सभी को सोचना चाहिए  की जो मुझे आपने जिंदगी में करना है क्या में सोचते सोचते कर पाउँगा  यदि ऐसा होता तो सभी लोग खुश  होते दुनिया में गरीबी नहीं होती चोर नहीं होते  अर्थात: कोई भी बुरी चीज नहीं होती तो इसलिए आपको इनसारे बात को सोचते हुए आपको आगे की और अग्रसर होते रहना चाइये 

आपके पास लाखो वजह है कुछ करने के लिए आपने सपनो को पूरा करने के लिए आपको एक दिन ढृढ़ निश्चय  करना होगा की मुझे कुछ करना हैं  किसी और के लिए नहीं बस आपने जिंदगी को बेहतरी करने के लिए आत्मनिर्भर  भारत  नहीं बलकी  आपको बनना होगा आत्मनिर्भरता से पढ़ाई कर के दुसरो से उपेक्छा न करते हुए साथ कोई नहीं देगा इस जिंदगी में आप अकेले आये है अकेले ही जायेंगे न आपके साथ कोई रहेगा न कोई आपके साथ जायेगा   जिंदगी में सफल होना ही सबसे बड़ा हथियार है जो आपकी जिंदगी में सुरक्षा  करेगा !

बस इतने ही शब्द  से  में अलविदा लेता हूँ  .

अपग्रेड योर सेल्फ एवरीडे